What is Mainframe Computer
मेनफ्रेम कंप्यूटर क्या है ?(What is Mainframe Computer in hindi)-
मेनफ्रेम कंप्यूटर क्या है ?(What is Mainframe Computer in hindi)- यह कंप्यूटर 1950 के दशक में बनाया गया था। यह कमरे के आकार जैसे विशालकाय था। इससे विज्ञान एवं व्यवसाय के आँकड़े संसाधित (Process) किए जाते थे। इसकी विशेषता यह थी कि इसको अनेक लोग एक साथ उपयोग में ले सकते थे। इसकी सूचना भण्डारण क्षमता (Storing Capacity) अत्यधिक है। मुख्य-स्मृति (Main Memory) साधारणत: 256 किलो बाइट से लेकर 2GB तक होती है। इस कंप्यूटर में प्राय: 100 से अधिक आदमी एक साथ काम कर सकते हैं। इसकी कीमत करोड़ों रुपयों में होती है। इन कंप्यूटरों का उपयोग मुख्यत: बड़े संगठनों जैसे- रेलवे, एयर लाईन तथा वैज्ञानिक संस्थाओं इत्यादि में होता है।
मिनी कंप्यूटर (Mini Computer)-
मिनी कंप्यूटर (Mini Computer) मेन फ्रेम कंप्यूटर की तुलना में मिनी कंप्यूटर सस्ता, कम शक्तिशाली व मध्यम आकार का होता है। इस कंप्यूटर का विकास 60 के दशक में हुआ था। मिनी कंप्यूटर को भी एक ही समय में अनेक लोग प्रयोग कर सकते हैं। इनका प्रयोग प्रायः प्रयोशालाओं व व्यावसायिक संगठनों में किया जाता है।
सभी कंप्यूटर के वर्गों में से मिनी कंप्यूटर मध्यम आकार के कंप्यूटर होते हैं। इनमें एक से अधिक सी.पी.यू. होते हैं और इनकी स्मृति (Memory), कार्य क्षमता और गति (Speed) माइक्रोकंप्यूटर की अपेक्षा अधिक और मेनफ्रेम कंप्यूटर से कम होती है। मध्यम स्तर की कम्पनियों में मिनी कंप्यूटर ही उपयोगी माने जाते हैं।
माइक्रो कंप्यूटर (Micro Computer)-
इन कंप्यूटरों का विकास 1970 के दशक में हुआ। 1970 के दशक के प्रारम्भ में एक क्रांतिकारी आविष्कार से सम्पूर्ण केन्द्रीय संसाधन इकाई (सी.पी.यू.) का परिपथ एक छोटी-सी सिलीकॉन चिप पर तैयार करना सम्भव हो गया। यह आविष्कार था माइक्रोप्रोसेसर का जिसके उपयोग से सस्ती कंप्यूटर-प्रणाली बनाना सम्भव हुआ।
ये कंप्यूटर एक डेस्क पर अथवा एक ब्रीफकेस में भी रखे जा सकते हैं। ये छोटे कंप्यूटर माइक्रो कंप्यूटर कहलाते हैं।
माइक्रो कंप्यूटर कीमत में सस्ते और आकार में छोटे होते हैं इसलिए ये व्यक्तिगत उपयोग के लिए घर या बाहर किसी भी कार्यक्षेत्र में लगाये जा सकते हैं, अत: इन्हें पर्सनल कंप्यूटर या पी.सी. भी कहते हैं। माइक्रो कंप्यूटर में एक ही सी.पी.यू. लगा होता है। वर्तमान समय में माइक्रो कंप्यूटर का विकास तेजी से हो रहा है। परिणामस्वरूप माइक्रो कंप्यूटर एक पुस्तक के आकार, फोन के आकार और यहाँ तक कि घड़ी के आकार में भी आ रहे हैं। माइक्रो कंप्यूटर 20-25 हजार रुपये से 1 लाख रुपये तक की कीमत के उपलब्ध हैं। माइक्रो कंप्यूटर घरों में, विद्यालयों की कक्षाओं में और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों आदि में लगाये जाते हैं। इन कम्प्यटरों में छोटी केन्द्रीय संसाधन इकाइयों (CPU) का उपयोग किया जाता है। इन कंप्यूटरों पर कंप्यूटर गेम्स का भी विकास हुआ है। इन मशीनों से अधिगम व शिक्षण विधियों में भी काफी परिवर्तन व सुधार हुआ है।
लैपटॉप कंप्यूटर (Laptop Computer)-
लैपटॉप ऐसा माइक्रो कंप्यूटर है जो कि बैटरी (Battery) के साथ भी चलता हैं। डेस्कटॉप कंप्यूटर्स के विपरीत, एक लैपटॉप में कीबोर्ड (Keyboard), माउस (Mouse), और मॉनिटर (Monitor) इसके अभिन्न हिस्से होते हैं। बाहर से लैपटॉप कंप्यूटर के दो भाग, स्क्रीन और की-बोर्ड होते हैं। ये दोनों भाग इस तरह से एक-दूसरे से जुड़े होते हैं कि स्क्रीन मुड़ कर की-बोर्ड के ऊपर आ जाता है। इन्हें बैग में रखकर आसानी से कहीं भी ले जाया जा सकता है।
स्टाइलस वाले टेबलेट पीसी (Tablet PC with Stylus):-
टेबलैट (Tablet) एक पर्सनल कंप्यूटर है, जो कि एक टच स्क्रीन फोन (Touch Screen Phone) के समान दिखता है। यह एक सामान्य पीसी की तरह काम करता है किन्तु इसका इंटरफेस (Interface) टच स्क्रीन होता है। आप इन टच स्क्रीन पर एक स्टाइलस (Stylus) या उंगली की मदद से काम कर सकते हैं। स्टाइलस एक विशेष किस्म का पेन होता जिससे उपयोगकर्ता टेबलेट के स्क्रीन पर दिखने वाले आइकॉन (Icon) को सलेक्ट कर सकता है और कमाण्ड (Command) दे सकता है।
सुपर कंप्यूटर क्या है (Super Computer kya hai )-
यह अन्य सभी प्रकार के कंप्यूटरों से बहुत अधिक शक्तिशाली होता है। इसकी गतिशीलता तथा मेमोरी क्षमता भी अत्यधिक होती है। सुपर कंप्यूटर की कार्य करने की क्षमता 500 मेगाफ्लाप से भी अधिक होती है। इन कंप्यूटर्स में मल्टीप्रोसेसिंग एवं समान्तर प्रोसेसिंग तकनीकी का उपयोग किया जाता है। नवीनतम विकसित सुपर कंप्यूटर्स की कार्यक्षमता गीगाफ्लॉप एवं टेराफ्लॉप्स तक हो गई है।
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